मेरे कमरे की दीवार पर टंगी फोटो फ्रेम ने संभाल रखा था
तुम्हारी तस्वीर को
तुम्हारी तस्वीर जिसमें पहन रखी थी नीली ड्रेस तुमने
तुम्हारी तस्वीर जिसे देखकर मेरी बहनों ने चिढाया था मुझे
तुम्हारी तस्वीर जिसे कई रात सिरहाने रख के सोया था मैं
तुम्हारी तस्वीर जिसे देखकर लोग बहुत कुछ पूछते थे मुझे
तुम्हारी तस्वीर तल्ख़ रिश्तों के बाद भी जिसमें मुस्कुरा रही थी तुम
तुम्हारी तस्वीर फाड़ने के बाद जिसे कई बार समेटा मैंने
तुम्हारी तस्वीर जिससे आजकल नजरें चुरा रहा था मैं
तुम्हारी तस्वीर जिसे खुद से ही छुपा रहा था मैं
तुम्हारी तस्वीर उखड़े रंगो में उभरा सबसे खुबसुरत चित्र
तुम्हारी तस्वीर से लिपटकर कल बहूत देर तक रोया था मैं
तुम्हारी तस्वीर को आज अपने साथ ही जला रहा हूँ मैं
तुम्हारी तस्वीर को आज अपने साथ ही जला रहा हूँ मैं